जन प्रतिरोध के प्रतीक कॉ.मिथिलेश - सुबोध - इंक़लाबी कारवाँ

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Monday, 25 June 2018

जन प्रतिरोध के प्रतीक कॉ.मिथिलेश - सुबोध


मीडिया दर्शन अखबार के रिपोर्टर और जाप नेता सुबोध यादव से हुई बातचीत का अंश


 जन नायक कर्पूरी भवन जहनाबाद में  दिवंगत कॉ. मिथिलेश यादव  श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसमें कई नामी हस्तियों ने भाग लिया। इसी दौरान मीडिया दर्शन अखबार रिपोर्टर की नजर जाप नेता सुबोध यादव पर गई और दोनों में बातचीत हुई दरअसल सुबोध यादव  कामरेड मिथलेश  के साथ  शुरू से ही  संघर्ष के साथ ही रहे हैं  अब वो नई पार्टी  जन अधिकार पार्टी के साथ जुड़ गए हैं आइए जानते हैं  सुबोध यादव के साथ हुई   रिपोर्टर  सुनील कुमार बबलू की  खास बातचीत ।


रिपोर्टर-सुबोध जी आपका स्वागत है ।

रिपोर्टर-कौन थे का0 मिथलेश यादव?

जाप नेता सुबोध यादव ने बताया कि जन प्रतिरोध के प्रतीक  कामरेड मिथलेश को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए आयोजित सर्वदलीय श्रद्दांजलि सभा में मैं भी शिरकत किया और उपस्थित जनमानस के समक्ष अपनी संवेदना समर्पित किया । उन्होंने का0 मिथलेश से परिचय पूछने पर बताया की कॉ.मिथिलेश जी से हमारी पहचान या कहें पहली मुलाकात वर्ष 2000-2001 में मेरे बाबूजी व भाकपा(माले)लीडर ब्यास मुनि सिंह के मौजूदगी में पटना के राजनीतिक गलियारा का क्षेत्र विधायक क्लब (विरचंद पटेल मार्ग )में हुई थी ।मैं उन्हें नाम से जानता था कि छात्रों -युवाओं के बड़े यानि राष्ट्रीय स्तर के संगठक नेता हैं हालांकि कभी मुलाकात नही हुई थी ।उस दिन उनके साथ उस समय भाकपा(माले) का मुखपत्र लोकयुद्ध के प्रकाशन संबंधी कार्य देखने वाले अशोक चन्द्रवंशी भी  थें ।कॉ मिथिलेश गहरे ब्लू रंग की जींस और शर्ट पहने हुए थें ।उनके साथ कुछ ही देर की बातचीत में बड़ा ही अपनापन -सा संबंध बन गया जो उनके जीवन के अंतिम समय तक बना रहा । ठेठ मगही मिठास भरा गंवई लहजे में बात करते और गंभीर सामाजिक -राजनीतिक जटिल सवालों को सहज हीं समझा देते थें ।सांवला रंग की मोहक चमक यकायक मद्दिम होता गया । कुछ ही वक्त में मैं समझ गया कि कॉ. मिथिलेश खूद के प्रति काफी लापरवाह ब्यक्ति हैं ।अपनी सेहत के प्रति सचेत न रहने भूख-प्यास की परवाह न कर लगातार काम करने वाले साथी का शरीर कुपोषित होता गया।और
जिसका परिणाम हम सब ने उन्हें असमय खो कर चुकायें हैं ।

उनसे जब आगे पूछा गया कि कामरेड मिथलेश कैसे परिवार से आते हैं?
तो उन्होंने आगे बताया की  मगध का बेहद पिछड़ा इलाका, गया जिला के खिजरसराय प्रखंड अंतर्गत नदरा ( उनका पैतृक गांव) में जन्में कॉमरेड मिथलेश उसी मिट्टी में फल बढ़कर , नईली हाई स्कूल से पढ़ाई कर नए समाज निर्माण की स्वप्न देखने और अथक संघर्ष करने की जज्बा प्राप्त किए थें । छोटे मेहनतकश किसान के बेटे क्रांतिकारी साथी मिथलेश जिनके पिताजी स्मृति शेष सियाशरण सिंह यादव के पास बमुश्किल दो बीघा जमीन ही  आजीविका का साधन है। किसान पुत्र होने के नाते खेती किसानी से जुड़े बहुत बड़ी  आबादी के फटेहाल व अभावों से भरी जीवन यापन के मर्म को बहुत अच्छी तरह समझते थें ।

रिपोर्टर-क्या पढ़ाई के दिनों से ही संघर्ष करना चाहते थे मिथलेश?

 हा बिल्कुल अपने कॉलेज के दिनों से ही समाज में व्याप्त घोर असमानता  ,  समान शिक्षा, समान स्वास्थ्य सुविधा व रोजगार के सवालों को लेकर, सामाजिक न्याय व मानवाधिकारों की बहाली के मुद्दे को लेकर छात्रों युवाओं को संगठित करने में लग गए थें । कॉमरेड मिथलेश अपने छात्र जीवन से ही समाज और राजनीति को देखने-समझने और बदलने का मार्क्सवादी नजरिया अपना चुके थे। इंकलाबी नौजवान सभा के बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष व आइसा के तत्कालीन अध्यक्ष कामरेड कविता कृष्णन के सम्मिलित प्रयास से शहीद-ए-आजम भगत सिंह विचार और संघर्ष पुस्तक का प्रकाशन करवाया गया था। पुस्तक राष्ट्रीय मुक्ति संघर्ष में सबसे ईमानदार व जनपक्षधर  मुखर क्रांतिकारियों का दस्तावेज है। जिनका मानना था कि  क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है। उन महान शहीदों ने अपने देश प्रेम का मूल्य अपने महानतम बलिदानों से चुकाते हुए इंकलाबी कारवां की रास्ता प्रशस्त किए थें।

रिपोर्टर-क्या आपको कामरेड मिथलेश से कोई प्रेरणा मिलती है?

जी हां बिल्कुल आज के समय में जब फर्जी देशभक्त/ अंधभक्त हमारे राष्ट्रीय शहीदों के स्वप्नों आदर्शों व संघर्षों का अपमान करते हुए सत्ता पर कब्जा व गंगा जमुनी तहजीब पर विद्रूप हमला कर रहा है।  पूंजीपरस्त साम्राज्यवादी कॉर्पोरेट जोंकों ने  फिर से भारतीय अवाम को गुलामी की  रास्ते पर ले जा रही है। ऐसे नाजुक समय में शहीदों के दस्तावेजों में संकलित विचार व संघर्ष को आत्मसात करने वाले साहसी जन योद्धा के जुझारूपन, व्यवहारिक ईमानदारी से भरा जीवन हमें वर्तमान में मौजूद संकटों से लड़ने में प्रेरणा देते रहेगी ।

 रिपोर्टर-किन लोगों के लिए संघर्ष करते थे कामरेड?

 कामरेड मिथिलेश समाज के हर मेहनतकश हिस्सा के संघर्ष के साथी रहें हैं । मगध में सिंचाई सुविधाओं को  लेकर उन का चिंता और पहल सराहनीय रहा है। वे औरंगाबाद जिला के गोह प्रखंड के परासी गांव जो हमीद नगर बराज परियोजना के नजदीक का गांव है। वहां से कुर्था जहानाबाद तथा डूमरी हाल्ट तक के प्रभावित किसानों से उनके गांव में जाकर उनसे उनके जनसमस्याओं को लेकर आंदोलन में भाग लेने की अपील करते हुए परासी से डूमरी हॉल्ट तक  किसानों की बड़ी भागीदारी वाली पदयात्रा कार्यक्रम की सफलता का श्रेय उन्हें जाता है। मध्य बिहार के  आधा दर्जन सिंचाई परियोजनाओं को लेकर आयोजित किसान सम्मेलन आयोजित करने और सफल बनाने में  उनका  योगदान बेमिसाल है। सोन नहर में पानी नहीं है । किसान त्रस्त हैं । सोन नहर प्रणाली का आधुनिकीकरण व नीचे तक सिंचित क्षेत्र तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था दुरुस्त करने के सवाल को लेकर हमने इंकलाबी कारवां बैनर तले हस्ताक्षर अभियान चलाकर कृषि व सिंचाई विभाग को हस्ताक्षर पंजी भेजा था। साथी मिथिलेश जी सोन नहर के सवाल को प्रमुखता से उठाने के लिए हमें प्रेरित करते थे।

रिपोर्टर-किसानों के अलावे भी कई लोगों के लिए संघर्षरत थे कामरेड
                                      विशाल कृषक आबादी के हितों के साथ साथ असंगठित निर्माण मजदूरों को, आशा कार्यकर्ताओं को, आंगनबाड़ी सेविकाओं को, रसोईया संघ को, ऑटो यूनियन के कामगारों को  संगठित मंच प्रदान करने -बनाने में  कॉमरेड मिथिलेश की अहम वह मार्गदर्शक की भूमिका को कामगार यूनियन के नेताओं ने बड़ी श्रद्धा से याद किया।

रिपोर्टर-हाल के वर्षों में कोई सबसे महत्वपूर्ण काम जो आपकी नजर में हो?
                                   
 हाल के वर्षों में सबसे महत्वपूर्ण काम जो साथी मिथिलेश कर रहे थे-- सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष करने वाले समाजवादी बहुजन नायकों की खोज और उनके इतिहास को पुनर्जीवित कर आज की पीढ़ी को अवगत कराने का । उसी सिलसिले में कुर्था के प्रथम समाजवादी विधायक रामचरण बाबू  के पुंयतिथि पर  रतनी ब्लॉक परिसर में आयोजित कार्यक्रम में मैं भी शिरकत किया था । मगध की धरती पर अवतरित महान क्रांतिकारियों के इतिहास को पुनर्जीवित करते करते मिथिलेश यादव जी खुद इतिहास बन गये हैं ।

रिपोर्टर-हमसे बात करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद सुबोध यादव जी
                               
                                   इस श्रद्धांजलि सभा में आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष मिथिलेश शर्मा, कृष्ण मुरारी यादव व जहानाबाद के पूर्व विधायक डॉ मुन्नी लाल यादव, सीपीआई के दिनेश प्रसाद, जहानाबाद में नारी सशक्तिकरण की  आवाज महिला नेत्री मीरा यादव, ललित नारायण सिन्हा राम प्रसाद पासवान( सीपीआई.एम), अनिल कुमार निर्माण मजदूर यूनियन, अरुण कुमार पटना जिलाध्यक्ष स्वराज पार्टी, मुकेश यादव प्रदेश अध्यक्ष डीएसएस, जनकलाल सिंह उप प्रमुख रतनी, बालेश्वर सिंह शहीद दर्जनों कामगार नेताओं ने अपनी श्रद्धा व्यक्त की। श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता कोलेश्वर पासवान जी ने किया। और कामरेड मिथिलेश यादव को इंक़लाबी सलाम के साथ दिली श्रद्दांजलि दी !

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