महिलाओं की सम्मान वापस करो नेता ज़ी
महिलाओं की सम्मान के नाम पर वोट मांगने वाले नेता आज के दौर में महिला सुरक्षा कहा गायब है, बिहार में महिलाओं के उत्थान के लिए भी कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। पंचायत चुनाव में उनकी 50 फीसद भागीदारी भी सुनिश्चित की गई है। लेकिन, इसके बावजूद राज्य में महिलाओं की स्थिति चिंताजनक है।
हाल ही में आंकड़े इकट्ठा करने वाली संस्था "इंडिया स्पेन्ड" ने महिलाओं की स्थिति पर की गई अपनी पड़ताल में बिहार की स्थिति को बेहद खराब बताया है। आंकड़ों मे बिहार सहित कुछ अन्य राज्यों में भी महिलाओं की स्थिति पर चिंता जताई गई है।
संस्था की रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़कियों को गर्भ में ही मार देने, कम महिला साक्षरता दर, कम उम्र में महिलाओं की शादी, प्रेग्नेंसी के दौरान मौत, ज्यादा बच्चों को पालने की जिम्मेदारी और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध के मामले में ये राज्य सबसे आगे हैं।
महिला साक्षरता में बिहार सबसे पीछे
बिहार के साथ ही दो राज्यों उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी महिलाओं की स्थिति सबसे खराब है। इन राज्यों में लड़कियों को गर्भ में ही मार देने की दर अधिक होने के साथ महिलाओं की साक्षरता दर भी सबसे कम है। खासकर महिला साक्षरता दर के मामले में बिहार सबसे निचले पायदान पर है।
रिपोर्ट में सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे 2014, 2011 की जनगणना और नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़ों के आधार पर कई मानकों पर इन राज्यों में महिलाओं की स्थिति पर अध्ययन किया गया, जिससे निकले निष्कर्ष में से कुछ इस प्रकार हैं:-
- पश्चिम बंगाल में औसतन 19.3 साल की आयु में लड़कियों की शादी हो जाती है। इसके बाद उत्तर प्रदेश और राजस्थान का नंबर है जहां औसतन 19.4 साल में शादी हो जाती है।
- बच्चे पैदा करने के दौरान महिलाओं की मौत के मामले में पहला नंबर यूपी का है, जहां यह आंकड़ा 27.8 है। इसके बाद राजस्थान 23.9 और बिहार, झारखंड का नंबर 21.4 है।
- महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में सालाना 38,467 मामलों के साथ पहला नंबर यूपी का है। इसके बाद पश्चिम बंगाल 38,299 और राजस्थान 31,151का है।
- महिला साक्षरता दर के मामले में 51 प्रतिशत के साथ बिहार का नंबर सबसे नीचे है। उसके बाद राजस्थान 52.1 प्रतिशत, झारखंड 55.4 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश 56.4 प्रतिशत का नंबर है।
हाल के दिनों में बिहार में महिला हिंसा के जघन्य मामले
- मोतिहारी जिले में 13 जून को युवती से गैंगरेप का जघन्य मामला सामने आया। कथित तौर पर गैंगरेप किया गया और डंडे और पिस्तौल पीड़िता के प्राइवेट पार्ट्स मे डाले गए।
- दुष्कर्म पीड़ित महिलाओं की बिहार के अस्पतालों में जिस तरह जांच की जाती है, वह संदेहास्पद है। महिला आयोग ने मामले की जांच में लापरवाही बरतने के आरोप में राज्य की पुलिस की कार्यशैली की जमकर आलोचना की । बात गृह मंत्रालय तक पहुंची थी। मामले का संज्ञान लेते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आश्वासन दिया था कि वे मामले पर गौर करेंगे।
- औरंगाबाद में एक युवती पर तेजाब से हमला हुआ जिसमें वह अबतक पीड़ा झेल रही है।
- वैशाली जिले में तेजाब के हमले की शिकार हुई पीड़िता ने बिजली के करंट लगाकर आत्महत्या कर ली।
धन्यवाद
सहयोग कुमारी
वंदना
महिलाओं की सम्मान के नाम पर वोट मांगने वाले नेता आज के दौर में महिला सुरक्षा कहा गायब है, बिहार में महिलाओं के उत्थान के लिए भी कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। पंचायत चुनाव में उनकी 50 फीसद भागीदारी भी सुनिश्चित की गई है। लेकिन, इसके बावजूद राज्य में महिलाओं की स्थिति चिंताजनक है।
हाल ही में आंकड़े इकट्ठा करने वाली संस्था "इंडिया स्पेन्ड" ने महिलाओं की स्थिति पर की गई अपनी पड़ताल में बिहार की स्थिति को बेहद खराब बताया है। आंकड़ों मे बिहार सहित कुछ अन्य राज्यों में भी महिलाओं की स्थिति पर चिंता जताई गई है।
संस्था की रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़कियों को गर्भ में ही मार देने, कम महिला साक्षरता दर, कम उम्र में महिलाओं की शादी, प्रेग्नेंसी के दौरान मौत, ज्यादा बच्चों को पालने की जिम्मेदारी और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध के मामले में ये राज्य सबसे आगे हैं।
महिला साक्षरता में बिहार सबसे पीछे
बिहार के साथ ही दो राज्यों उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी महिलाओं की स्थिति सबसे खराब है। इन राज्यों में लड़कियों को गर्भ में ही मार देने की दर अधिक होने के साथ महिलाओं की साक्षरता दर भी सबसे कम है। खासकर महिला साक्षरता दर के मामले में बिहार सबसे निचले पायदान पर है।
रिपोर्ट में सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे 2014, 2011 की जनगणना और नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़ों के आधार पर कई मानकों पर इन राज्यों में महिलाओं की स्थिति पर अध्ययन किया गया, जिससे निकले निष्कर्ष में से कुछ इस प्रकार हैं:-
- पश्चिम बंगाल में औसतन 19.3 साल की आयु में लड़कियों की शादी हो जाती है। इसके बाद उत्तर प्रदेश और राजस्थान का नंबर है जहां औसतन 19.4 साल में शादी हो जाती है।
- बच्चे पैदा करने के दौरान महिलाओं की मौत के मामले में पहला नंबर यूपी का है, जहां यह आंकड़ा 27.8 है। इसके बाद राजस्थान 23.9 और बिहार, झारखंड का नंबर 21.4 है।
- महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में सालाना 38,467 मामलों के साथ पहला नंबर यूपी का है। इसके बाद पश्चिम बंगाल 38,299 और राजस्थान 31,151का है।
- महिला साक्षरता दर के मामले में 51 प्रतिशत के साथ बिहार का नंबर सबसे नीचे है। उसके बाद राजस्थान 52.1 प्रतिशत, झारखंड 55.4 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश 56.4 प्रतिशत का नंबर है।
हाल के दिनों में बिहार में महिला हिंसा के जघन्य मामले
- मोतिहारी जिले में 13 जून को युवती से गैंगरेप का जघन्य मामला सामने आया। कथित तौर पर गैंगरेप किया गया और डंडे और पिस्तौल पीड़िता के प्राइवेट पार्ट्स मे डाले गए।
- दुष्कर्म पीड़ित महिलाओं की बिहार के अस्पतालों में जिस तरह जांच की जाती है, वह संदेहास्पद है। महिला आयोग ने मामले की जांच में लापरवाही बरतने के आरोप में राज्य की पुलिस की कार्यशैली की जमकर आलोचना की । बात गृह मंत्रालय तक पहुंची थी। मामले का संज्ञान लेते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आश्वासन दिया था कि वे मामले पर गौर करेंगे।
- औरंगाबाद में एक युवती पर तेजाब से हमला हुआ जिसमें वह अबतक पीड़ा झेल रही है।
- वैशाली जिले में तेजाब के हमले की शिकार हुई पीड़िता ने बिजली के करंट लगाकर आत्महत्या कर ली।
धन्यवाद
सहयोग कुमारी
वंदना
No comments:
Post a Comment