कार्यालय में भटकते शिक्षको की व्यथा - इंक़लाबी कारवाँ

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Wednesday, 11 January 2017

कार्यालय में भटकते शिक्षको की व्यथा


 

कहते है शिक्षक समाज का निर्धारक होता है , और भारत में क्या  पूरी दुनिया में वो सम्माननीय है ,लेकिन बिहार के कुछ नियोजित शिक्षको दशा कुछ इस प्रकार है की ओ कार्यालयों में दर-दर भटकने पर मजबूर है और इनकी शुधि लेने वाला कोई नही,

दरअसल पुरे मामलो को समझा जाये तो याचिका संख्या CWJC No.16775/2016 द्वारा Mr.PK SAHI
 सीनियर अधिवक्ता & Mr.Mirtunjay Kumar तथा याचिका संख्या CWJC No.17911/2016 द्वारा Mr. Nagendra Kumar Singh & Mr.Rajesh Kr Sinha AC to GP 23 तिथि 14-12-2016 को माननीय उच्य न्यायलय पटना द्वारा दिया गया न्याय है !
 की किसी भी निजी या सरकारी प्रशिक्षण केन्द्रों से बिहार के अन्दर NCTE से मन्यता प्राप्त हो तो शिक्षको को दो वर्षीय प्रशिक्षण DLED & Bed  प्रशिक्षण प्राप्त करने  वाले नियोजित शिक्षको को  सवैतनिक 
अवकाश देय होगा ! 

 माननीय उच्य न्ययालय पटना ने यह आदेश किया की सरकार अप्रशिक्षित शिक्षको को निजी या सरकारी संस्थानों से प्रशिक्षण शीघ्र कराए !
न्ययालय के आदेश आये लगभग दो महीने बित चुके है ,इसके बावजूद भी जिले के सभी शिक्षा अधिकारियो के पास इसकी पत्र (lettar) निर्गत नही किया गया है !
जिसे राज्य के सभी  शिक्षको (अप्रशिक्षित )को  सवैतनिक अवकाश प्राप्त करने में खासा  परेशानी हो रही है,
सरकार शिक्षा के प्रति कितनी गम्भीर है ये उसका पूरा चिट्ठा खोलता है ,और माननीय उच्य न्ययालय का भी आदेश का  भी अवमानना है !
अगर इस तरह से शिक्षा विभाग (बिहार राज्य शिक्षा सचिव ,निदेशक ,प्रबंधक तथा शिक्षा विभाग के आलाधिकारी ) लापरवाही बरते गी तब लाखो छात्र /छात्राओ का भविष्य कल्याण करने वाले शिक्षक दर-दर भटकते रह जाएंगे !
बिहार राज्य शिक्षा विभाग इस पर संज्ञान ले और जल्द सवैतनिक अवकाश पत्र निर्गत करने का सफल प्रयास करे ताकि बिहार जो नाम शिक्षा प्रति बदनाम है वो  पुन:प्रतिष्ठित हो !



                                         इंकलाबी कारवाँ अरवल 

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